BSI भारत सरकार के अधीन कार्य करने वाली एक बहुत बड़ी संस्था है, जो देश में पेड़ पौधे की नई प्रजाति की पहचान करने, उनका संरक्षण करने आदि कई सारे कार्यों को करती है। इस पोस्ट में हम इस संस्था के बारे में जैसे BSI Full Form in Hindi, बीएसआई की स्थापना कब हुई व किसने की? और बीएसआई से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी देंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।
#1. BSI Full Form in Hindi (बीएसआई का फुल फॉर्म)
BSI का फुल फॉर्म “Botanical Survey of India” है। इसे हिंदी में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण कहते हैं। यह संगठन जर्मप्लाज्म, जीन को एकत्र करने और उसे बनाये रखने के साथ-साथ भारतीय वनस्पति संपदा, वनस्पतियों और लुप्तप्राय प्रजातियों के सर्वेक्षण, अनुसंधान और संरक्षण आदि कार्य करती है।
#2. बीएसआई का इतिहास
भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत देश के शीर्ष वर्गीकरण अनुसंधान संगठन, Botanical Survey of India (BSI) की स्थापना 13 फरवरी 1890 को सर जॉर्ज किंग के निर्देशन में की गई थी। संगठन का जनादेश पूर्ववर्ती ब्रिटिश भारत के समृद्ध संयंत्र संसाधनों का पता लगाना, एकत्र करना, पहचानना और दस्तावेज करना था।
औपनिवेशिक काल के दौरान वनस्पति सर्वेक्षण के सभी वनस्पति अनुसन्धान, संग्रह और प्रयोग भारतीय वनस्पति उद्यान में केंद्रित थे, जिसे पहले रॉयल बॉटनिकल गार्डन, सिबपुर, हावड़ा के रूप में जाना जाता था। हालाँकि, स्वतंत्रता के बाद भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण को 1954 में डॉ. ई.के. के जानकी अम्मल के नेतृत्व में पुनर्गठित किया गया था।
पिछले कुछ वर्षों में संगठन का जनादेश बायोसिस्टमेटिक्स अनुसंधान, फ्लोरिस्टिक अध्ययन, प्रलेखन, राष्ट्रीय वनस्पति संग्रह के डेटाबेस, हर्बेरियम नमूनों के डिजिटलीकरण, आणविक वर्गीकरण प्रयोगशाला के विकास, सलाहकार सेवाओं और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रमों आदि तक विस्तृत हो गया है।
#3. बीएसआई का मुख्यालय
भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण का मुख्यालय कोलकाता में 4 इकाइयों के साथ 11 क्षेत्रीय केंद्रों में फैला हुआ है। इसके अलावा दुनिया भर में आणविक वर्गीकरण में तेजी से विकास के साथ BSI ने हाल ही में शिलॉन्ग और पुणे में आणविक वर्गीकरण प्रयोगशालाओं की स्थापना की है।
#4. BSI के द्वारा किया गया फ़्लोरिस्टिक सर्वेक्षण
यह संगठन पौधों के संसाधनों के राष्ट्रीय भंडार के रूप में 4 मिलियन से अधिक परिग्रहण किये गए हर्बेरियम नमूनों (गैर फूलों वाले पौधों सहित) का रख-रखाव करता है, जिनमे से 18988 प्रकार के नमूने हैं।
बीएसआई संगठन ने भारत के कई राज्यों और केंद्रों शासित प्रदेशों में फ़्लोरिस्टिक सर्वेक्षण को पूरा कर चुके हैं। साथ ही बाकी बचे राज्यों में कार्य चल रहे हैं। BSI भारत में 68 संरक्षित क्षेत्र, 26 पवित्र उपवनों, 1 रामसर स्थल, 12 नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और 23 बाघ अभ्यारण्यों का फ़्लोरिस्टिक सर्वेक्षण को पूरा कर लिया है।
विभिन्न समूहों के लगभग 4 मिलियन पौधों के नमूने BSI के विभिन्न हर्बेरियम में रखे गए हैं। BSI की स्थापना के बाद से BSI के वैज्ञानिकों ने एक नया परिवार, 43 नए जेनेरा और 1666 से अधिक नई प्रजातियां और कई वानस्पतिक रूचि वाले टैक्सों सहित इन्फ्रास्पेसिफिक टैक्सा की खोज की है। पूर्वी हिमालय में ऑर्किडेसी और सपोटेसी परिवार के लगभग 900 आरईटी टैक्सा की जनसँख्या अध्ययन पूरा कर लिया गया है।
#5. BSI के शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रम
बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया प्लांट टैक्सोनॉमी में शोध करने के लिए फेलोशिप भी प्रदान की जाती है और उन लोगों को पोस्ट डॉक्टरेट फेलोशिप भी प्रदान करता है जो टैक्सोनॉमी में प्रशिक्षित है और BSI के जनादेश से सम्बंधित अपने शोध को जारी रखना चाहते हैं।
विभाग के पास देश के विभिन्न जैव-भौगोलिक क्षेत्रों में फैले 12 वनस्पति उद्यान है। उद्यान में 150 हजार से अधिक जीवित पौधों का संग्रह है, जिसमे कई महत्त्वपूर्ण व्यावसायिक संभावित पौधे समूह जैसे ज़िंगिबर्स, रतन, बांस और आर्किड शामिल हैं। विशेष रूप से पोर्ट ब्लेयर, यरकौड और शिलांग में वनस्पति उद्यानों में बड़ी संख्या में औषधीय और सुगंधित पौधे भी लगाए गए हैं। विभाग ने एक डिजिटल प्लेटफार्म ‘इंडियन प्लांट डायवर्सिटी इंफॉर्मेशन सिस्टम (IPDIS)’ भी विकसित किया है।
अन्य जानकारी
#6. निष्कर्ष (Conclusion)
इस पोस्ट में हमने BSI से सम्बंधित जानकारी जैसे BSI Full Form in Hindi, बीएसआई का इतिहास, बीएसआई की शुरुआत, मुख्यालय आदि के बारे में जानकारी दी है। मुझे उम्मीद है कि हमारे द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी। यह जानकारी आपको कैसी लगी? कमेंट बॉक्स में लिखकर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें। धन्यवाद।