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Generic Medicines क्या है? पूरी जानकारी - 2023 - Alibaba Blogs
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Generic Medicines Kya Hai?

मेडिसिन्स यानी दवाइयों का हमारी हेल्थ से बहुत गहरा कनेक्शन होता है। ये बात बिलकुल सही है कि अगर हम फिट और हेल्थी रहते हैं तो हमे दवाइयों की बहुत ही कम जरुरत पड़ती है, लेकिन फिर भी हम सभी को कभी ना कभी दवा तो लेनी ही पड़ती है और जब डॉक्टर का पर्चा लेकर हम मेडिकल स्टोर पर जाते हैं तो कई बार दुकानदार हमे ऐसी दवा निकाल कर देता है जो Branded Medicine का Generic Version होती है और उसका दाम कम होता है। तो ऐसे में आपके मन में ये सवाल आता होगा कि ये कौन सी दवाएं हैं जिनकी कीमत तुलनात्मक रूप से काफी कम है और दुकानदार हमे ये दवाएं लेने का सुझाव क्यों दे रहा है?, क्या ये Generic Medicines रियल में अच्छी होती हैं? या फिर सस्ती दवा का मतलब लौ क्वालिटी तो नहीं?

ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब आपको आज इस आर्टिकल में मिल जायेंगे। इसीलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें, ताकि मेडिसिन जैसे इम्पोर्टेन्ट टॉपिक पर आपका ये कांसेप्ट क्लियर हो सके। तो चलिए शुरू करते हैं और Generic Medicines के बारे में डिटेल में जानते हैं।

1. ड्रग्स और मेडिसिन में क्या अंतर होता है?

जब कभी भी ड्रग और मेडिसिन की बात आये तो कन्फ्यूज ना हों। इसे इस तरीके से समझे कि सभी मेडिसिन्स ड्रग्स होती हैं, लेकिन सभी ड्रग्स मेडिसिन्स नहीं होती। मेडिसिन्स अक्सर नॉन एडिक्टिंग होती हैं, जबकि ड्रग्स एडिक्शन पैदा करती हैं और उनसे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता हैं।

2. Generic Medicines के बारे में हम क्या सोचते हैं?

ऐसा सोचा जाता है कि जेनेरिक दवा सस्ती होती है। इसीलिए ये कम इफेक्टिव होगी और ये जरूर ब्रांड नेम प्रोडक्ट का डुप्लीकेट वर्जन होगी। जबकि असल में ऐसा नहीं होता है। ये दवाएं उतनी ही इफेक्टिव और सेम क्वालिटी की होती हैं, जितनी ब्रांडेड मेडिसिन्स होती हैं।

3. Generic Medicines क्या है?

जेनेरिक का मतलब होता है सामान्य, यानी ये जेनेरिक दवाएं सामान्य दवाएं हुई, लेकिन इसका मतलब इनकी क्वालिटी का कम होना नहीं है। जेनेरिक मेडिसिन एक मेडिसिन है जो Branded Medicines से Doses, Safety, Strength, Quality, Uses में सेम होती है, जो ऑलरेडी मार्केट में अपनी पहचान रखती है।

ये Generic Medicines बिलकुल Branded Medicines की तरह ही वर्क करती है, यानी सेम क्लीनिकल बेनिफिट्स को प्रोवाइड करती है, आप आप चाहें तो ब्रांडेड मेडिसिन खरीदें या चाहे जेनेरिक मेडिसिन्स के जरिये अपनी हेल्थ इशू को ठीक कर लें। दोनों का इफेक्ट सेम ही होगा, पर जेनेरिक मेडिसिन आपकी जेब पर पड़ने वाले वजन को थोड़ा कम जरूर कर सकती है।

4. जेनेरिक मेडिसिन ब्रांड नेम मेडिसिन की तरह वर्क कैसे करती है?

इसका जवाब ये है कि Generic Medicines में Brand Name Medicines की तरह सेम एक्टिव इंग्रीडिएंट यूज किये जाते हैं। इसीलिए उसका बॉडी पर असर, रिस्क और बेनिफिट बिलकुल वैसा ही है, जैसा ब्रांडेड मेडिसिन का होता है।

5. अगर जेनेरिक और ब्रांडेड मेडिसिन सेम होती है तो ब्रांड नेम मेडिसिन अपने जेनरिक वर्जन से अलग क्यों दिखाई देती है?

इसका जवाब ये है कि ट्रेड मार्क कानून के मुताबिक Generic Medicine बिलकुल उस मेडिसिन की तरह नहीं दिख सकती, जैसी Branded Medicine पहले से ही मार्केट में उपलब्ध है। इन दोनों तरह की मेडिसिन्स में शेप, साइज, पैकेजिंग, कलर्स और फ्लेवर्स अलग-अलग हो सकते हैं जो इनकी परफॉरमेंस और सेफ्टी को इफेक्ट नहीं करती।

6. Generic Medicines मार्केट में कब आती है?

इस सवाल का जवाब जानने से पहले आपको ये प्रोसेस समझना होगा। हर मेडिसिन के 2 नाम होते हैं। एक ब्रांड नेम जो कि उस फार्मास्यूटिकल कंपनी के द्वारा दिया जाता है जो उस मेडिसिन को मार्केट में लाती है, और दूसरा जेनेरिक नेम जो उस मेडिसिन का एक्टिव इंग्रीडिएंट होता है और ब्रांड नेम मेडिसिन की तरह ही वर्क करता है।

जब कोई फार्मास्यूटिकल कंपनी एक न्यू एक्टिव इंग्रीडिएंट वाली दवा पहली बार मार्केट में लेकर आती है तो उसे कई सालों तक पेटेंट के द्वारा प्रोटेक्ट रखा जाता है। इस पेटेंट की बदौलत ही उस दवा को बनाने वाली कंपनी को ये अधिकार मिल जाता है कि उसे नई दवा बनाने में जितना खर्च करना पड़ा, उतना फ्रॉफिट वो कमा सके।

इस दौरान कोई भी दूसरी कंपनी उस प्रोटेक्टेड एक्टिव इंग्रीडिएंट वाली सिमिलर मेडिसिन मार्केट में नहीं ला सकती। इस दवा को क्लीनिकल स्टडीज के जरिये डिस्कवर और डेवलप करने में उस कंपनी को बहुत खर्च करना पड़ता है और इस खर्च को पेटेंट ड्यूरेशन के दौरान पूरा कर लिया जाता है, लेकिन जब पेटेंट एक्सपायर हो जाता है, तब दूसरी कम्पनीज को ये परमिशन मिल जाती है कि वो उस एक्टिव इंग्रीडिएंट पर बेस्ड मेडिसिन्स बना ले। इन्ही दवाओं को Generic Medicines कहा जाता है। ऐसी बहुत सी दवाएंआपको मार्केट में मिल जाएँगी, लेकिन उनका एक्टिव इंग्रीडिएंट सेम ही होगा।

7. Generic Medicines का प्राइस कम क्यों होता है?

यहाँ पर Generic Medicines के सस्ते होने का रीजन ये है कि जब एक बार ब्रांड नेम मेडिसिन को बनाने में क्लीनिकल स्टडीज कर ली जाती है और सेफ्टी और इफेक्टिवनेस को मेजर कर लिया जाता है। तब Generic Version को बनाते टाइम इस प्रोसेस को रिपीट करने की जरुरत नहीं पड़ती। जिससे उनकी कॉस्ट कम हो जाती है और मार्केट में भी वो कम दामों में मिल जाती है।

इसके अलावा Generic Medicines मार्केट में होने से कम्पटीशन का माहौल भी बन जाता है। जिससे कस्टमर को लौ प्राइस में मेडिसिन्स लेने का अवसर मिल जाता है। वैसे, आपको ये भी पता होना चाहिए कि इंडिया Generic Medicines का बिगेस्ट एक्सपोटर है जो यूनाइटेड स्टेट, यूरोप और अफ्रीका जैसे कई डेवलप देशों को जेनेरिक दवाएं एक्सपोर्ट करता है।

8. जेनेरिक मेडिसिन्स इतनी पॉपुलर क्यों नहीं है?

इसका जवाब है कि Government of India इन जेनेरिक दवाओं का प्रमोशन तो करती है, ताकि आम-जन इन सस्ती दवाओं का फायदा उठा सकें, लेकिन मेडिसिन्स के प्रति पब्लिक की जो इग्नोरेंस है, वो इन जेनेरिक दवाओं से पब्लिक को मिलने वाले फायदे को बढ़ने नहीं देती। इसका एक मुख्य कारण भरोसे की कमी भी है, जिसे बड़ी आसानी से जीता जा सकता है।

अगर सरकार के द्वारा Generic Medicines के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाये और फिजिशियंस और फार्मासिस्ट जैसे ऑथेंटिक सोर्स इन दवाओं के लिए लोगों को जागरूक कर सकें, तो ये हो सकता है।

9. क्या वाकई में जेनेरिक मेडिसिन्स की अच्छी क्वालिटी एक्सपोर्ट हो जाती है?

इसका जवाब ये है कि ऐसा भी माना जाता है कि जेनेरिक दवाओं की अच्छी क्वालिटी एक्सपोर्ट कर दी जाती है और लौ क्वालिटी की Generic Medicines इंडियन मार्केट में बेच दी जाती है। अब इसमें कितनी सच्चाई है या कोई सच्चाई है भी या नहीं? क्या ये जेनेरिक मेडिसिन्स की बिक्री कम करने के लिए कोई उड़ाई गई अफवाह है या फिर इसमें कुछ सच्चाई भी है?

ये सब तो हम भी नहीं जानते, लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि एक ग्राहक के तौर पर हम सब का जागरूक होना और हर चीज जांच-परख कर ही खरीदना और इस्तेमाल करना जरुरी है। फिर चाहे वो मेडिसिन्स ही क्यों ना हो?

कुल मिलाकर बात ये है कि इस अफवाह को साइड रख कर समझें तो Brand Name Medicines और Generic Medicines में क्वालिटी वाइज कोई फर्क नहीं होता है और दोनों का इफेक्ट सेम होता है।

महत्त्वपूर्ण लिंक इन्हे भी पढ़ें।

Conclusion

अलीबाबा को उम्मीद है कि आपको इस आर्टिकल के जरिये Generic Medicines से जुड़ी खास जानकारियां मिल गई होगी। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती हैं कि हमारे आर्टिकल्स के जरिये आपको दिए गए विषय पर पूरी जानकारी प्राप्त हो सके, ताकि आपको कहीं और जाना ना पड़े।

इस आर्टिकल के बारे में आपकी क्या राय है और ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमे कमेंट सेक्शन में लिखकर हमे जरूर बताएं। साथ ही इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करें क्योंकि दवाइयां हमारे जिंदगी का अहम् हिस्सा बन चुकी हैं। इन्हे किस तरीके से यूज करना चाहिए?, कौन सी दवा लेनी चाहिए? और हाँ जब भी आप दवा लें, तो डॉक्टर से डिस्कस जरूर लें।

दोस्तों, जब आप इस आर्टिकल को लोगों के साथ शेयर करेंगे, तो लोगों को एक अच्छी जानकारी मिलने के साथ-साथ, उन्हें ब्रांडेड दवाइयों और जेनेरिक दवाइयों के बीच का फर्क भी समझ में आएगा। इसलिए इसे शेयर जरूर करें, शुक्रिया। Google

3 thoughts on “Generic Medicines क्या है? पूरी जानकारी – 2023”
  1. Aapane Jo is article mein generic dawai ke bare mein jankari di hai vah bahut hi sahani hai aur bahut hi useful hai aisi jankari hai bahut kam milati hai isliye aapko dhanyvad

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