CMOS Kya Hai?

दोस्तों, आज हम आपको CMOS के बारे में बताने वाले हैं। इससे पहले वाले आर्टिकल में हमनें आपको BIOS के बारे में बताया था कि ये एक सॉफ्टवेयर है, जिसकी हेल्प से कंप्यूटर स्टार्ट होता है। BIOS Software की सेटिंग एक छोटी सी चिप में स्टोर किया रहता है और उस चिप को CMOS कहते हैं। ‘सीएमओएस’ सिस्टम के मदरबोर्ड में पाया जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको सीएमओएस से जुड़ी सभी महत्त्वपूर्ण जानकारियां देने वाले हैं जैसे कि CMOS क्या है? BIOS और CMOS के बीच में क्या अंतर है और इसके होने या ना होने से सिस्टम में क्या फर्क पड़ सकता है? इसलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें..तो चलिए शुरू करते है।

#1. CMOS क्या है?

CMOS का पूरा नाम Complementary Metal Oxide Semiconductor होता है। ये कंप्यूटर की बहुत छोटी मेमोरी होती है, जिसका साइज आम तौर पर 256 Bytes तक होता है। BIOS की सेटिंग्स इसी में स्टोर होती है। साथ ही इस चिप में सिस्टम पर किस प्रकार के डिस्क ड्राइव इंस्टॉल किये गए हैं। सिस्टम क्लॉक का कल्चर डेट और टाइम और कुछ हार्डवेयर की सेटिंग्स भी इसमें सेव होती है। सीएमओएस एक छोटी रैम की तरह होती है, जिसमे सभी BIOS की इनफार्मेशन को स्टोर किया जाता है, ताकि हर बार कंप्यूटर री-स्टार्ट या पावर ऑन होने पर कंप्यूटर इन इनफार्मेशन को याद रख सकता है।

सीएमओएस को दूसरे और नामों से भी जाना जाता है जैसे – CMOS-Ram, Non-Volatile Ram (NVRAM), Non-Volatile BIOS Memory और Real Time Clock (RTC). सीएमओएस एक मेमोरी है, जिसमें कुछ चीजें स्टोर रहती है और मेमोरी कई तरह की होती हैं जैसे – Volatile Memory और Non Volatile Memory. Volatile Memory उसे कहते हैं, जिसका डेटा पावर ऑफ होने के बावजूद उसमे से डेटा इरेस नहीं होता और Non Volatile Memory उसे कहते हैं, जिसका डेटा पावर ऑन होने के बाद उसमे से इरेस यानी खत्म हो जाता है।

CMOS एक Non Volatile Memory है। इसका मतलब है कि जब भी इसमें पावर नहीं होगा, तो इस चिप में जो भी डाटा है, वो खत्म हो जायेगा। तो इसका डेटा कभी खत्म ना हो और इसे लगातार पावर मिलता रहे। इसके लिए मदरबोर्ड में एक बैटरी इंस्टॉल रहती है, जो सिर्फ सीएमओएस के कार्य को पूरा करने के लिए बनाई गई होती है। उसे हम CMOS Battery कहते हैं। सीएमओएस एक उन्नत चिप टेक्नोलॉजी है, जो बहुत कम बिजली पर काम करती है।

#2. CMOS Battery क्या है और ये कैसे काम करती है?

जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया है कि CMOS Memory के अंदर BIOS की सेटिंग्स के अलावा, सिस्टम की डेट एंड टाइम भी स्टोर रहती है। तो अगर CMOS Battery नहीं होती, तो जब हम कंप्यूटर को ऑफ करते हैं, तब सीएमओएस की सारी सेटिंग्स भी खत्म हो जाती क्योंकि CMOS एक Non-volatile memory है, जिसका डेटा पावर ना मिलने पर खत्म हो जाता है। तो इस समस्या को दूर करने के लिए ही CMOS Battery को बनाया गया है।

CMOS Battery बहुत लम्बे समय तक चलती है क्योंकि कंप्यूटर या लैपटॉप को खोलकर मदरबोर्ड के सीएमओएस को बदलना बहुत जटिल कार्य होता है। CMOS Battery एक सिक्के के आकार का Lithium Ion Battery होती है और इसकी लाइफ आमतौर पर 10 साल की होती है। मगर कभी-कभी ये उससे पहले ही खराब हो जाती है। इसके जल्दी खराब होने का कारण सिस्टम को किस तरह यूज किया जा रहा है? ये उस पर डिपेंड करता है।

सीएमओएस बैटरी के खराब हो जाने पर उसका रिप्लेसमेंट किया जा सकता है। अब यहाँ पर सवाल उठता है कि किसी नॉन टेक्नीकल यूजर को कैसे पता चलेगा कि CMOS Battery ठीक से चल रही है या नहीं? अगर सिस्टम की डेट एंड टाइम अपने-आप ही बार-बार बदलता जाता है या BIOS की सेटिंग रिसेट हो गई है, तो समझ लीजिए कि CMOS Battery खराब हो चुकी है।

सीएमओएस बैटरी के खत्म हो जाने पर कंप्यूटर की BIOS सेटिंग्स ‘डिफॉल्ट सेटिंग्स’ पर रिसेट हो जाती है। आपका कंप्यूटर काम तो करेगा ही, लेकिन आपके BIOS में सब-कुछ जैसे – Boot sequence, Date & time and other functions Reset हो जायेंगे क्योकि जब भी आप-अपने कंप्यूटर के BIOS Configuration को बदलते हैं, तो वो सेटिंग्स CMOS के चिप में सेव होती है ना कि BIOS की चिप में। इसीलिए कंप्यूटर हर बार रीस्टार्ट और पावर ऑन होने पर कंप्यूटर इन कॉन्फ़िगरेशन को याद रख सके। इसके लिए CMOS Battery लगातार CMOS Chip और पावर सप्लाई करती रहती है।

#3. सीएमओएस को कैसे एक्सेस करते हैं?

सीएमओएस को एक्सेस करने के लिए कंप्यूटर ऑन करने के बाद बूटिंग प्रोसेस के दौरान ही एक Key दबाना होता है जैसे – F1, F2, F9, F10, Delete और Esc. अलग-अलग ब्रांड्स के कम्प्यूटर्स में अलग-अलग Key के इस्तेमाल से ही CMOS को एक्सेस किया जाता है। इनमें से कोई एक Key प्रेस करने के बाद आप आसानी से CMOS Setup की स्क्रीन पर पहुँच जायेंगे, जहाँ से आप सिस्टम की डेट एंड टाइम को बदल सकते हैं और इस सेटअप के अंदर आप कई तरह के हार्डवेयर को इनेबल और डिसेबल भी कर सकते हैं जैसे – USB Port, Video Card, Sound Card और अन्य डिवाइसेस।

#4. CMOS और BIOS के बीच क्या अंतर है?

Basic Input Output System (BIOS) मुख्य रूप से कंप्यूटर को स्टार्ट करने के लिए प्रयोग किया जाता है। साथ ही ये सभी इनपुट, आउटपुट डिवाइस को कॉन्फ़िगर भी करता है। कंप्यूटर को BIOS के द्वारा ही पता चलता है कि आउटपुट क्या है और इनपुट क्या है? BIOS Software मदरबोर्ड में लगाए गए EEPROM Chip में स्टोर किया जाता है। BIOS के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारा BIOS क्या है? वाला आर्टिकल पढ़ सकते है।
अब जानते हैं कि BIOS और CMOS के बीच क्या अंतर है?

1. BIOS और CMOS दोनों अलग-अलग कॉम्पोनेन्ट हैं और ये एक साथ मिलकर कार्य करते हैं। BIOS-Motherboard में लगा एक चिप है, जिसका उद्देश्य प्रोसेसर और हार्ड ड्राइव के बीच संचार करना होता है। अगर BIOS चिप ना होती तो प्रोसेसर ये नहीं जान पाता कि कंप्यूटर के कॉम्पोनेन्ट के साथ इंटरैक्ट या इंटरफेस कैसे करना है? BIOS के बिना कंप्यूटर ये नहीं समझ पायेगा कि ये सभी कॉम्पोनेन्ट एक साथ काम कैसे करेंगे?

2. CMOS भी Motherboard में लगी एक चिप है। ये विशेष रूप से एक रैम चिप है, जिसका अर्थ है कि ये सामान्य रूप से कंप्यूटर की कुछ सेटिंग को खो देगा, जो कंप्यूटर ऑफ होने पर उसे स्टोर करती है। इसीलिए CMOS का काम बैटरी के रूप में BIOS की सारी सेटिंग्स को सिक्योर करना होता है। इस बैटरी से सीएमओएस को लगातार पावर मिलती रहती है। इसीलिए रैम चिप होने के बावजूद भी कंप्यूटर ऑफ होने के बाद भी उसमे से डाटा लूज नहीं हो पाता है। जब कंप्यूटर पहले बूट हो जाता है, तो BIOS हार्डवेयर सेटिंग्स, डेट और टाइम की इनफार्मेशन को समझने के लिए CMOS से इम्पोर्ट करता है।

3. CMOS Battery काफी छोटी होती है, जो मदरबोर्ड में लगी होती है, जबकि BIOS सॉफ्टवेयर मदरबोर्ड में लगाए गए EEPROM Chip में स्टोर होता है।

4. इन दोनों का का एक दूसरे के बिना अधूरा होता है, लेकिन यदि सीएमओएस खराब हो जाये, तो BIOS फिर भी काम करता है, लेकिन BIOS के खराब होने पर CMOS वर्क करना बंद कर देता है।

5. सीएमओएस में CR 2032 सेल बैटरी द्वारा पावर दिया जाता है। जिसे CMOS Battery भी कहते हैं और BIOS को पावर सीएमओएस से मिलती है।

6. सीएमओएस किसी प्रकार का डाटा स्टोर नहीं करता, लेकिन ये इस बात का ध्यान रखता है कि जब कंप्यूटर ऑफ हो जाता है, तब भी CMOS चिप को पावर मिलती रहे। जिससे कोई भी डाटा सेटिंग्स लूज ना हो, जबकि BIOS उन सभी डाटा को स्टोर करता है।

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#5. निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों, CMOS क्या है और CMOS और BIOS के बीच क्या अंतर होता है? इससे जुड़ी सभी महत्त्वपूर्ण जानकारियां अब आपको मिल गई हैं। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है कि हमारे आर्टिकल्स के द्वारा दिए गए विषय पर आपको पूरी जानकारी प्राप्त हो सके, ताकि आपको कहीं और जाना ना पढ़े। ये जानकारी आपको कैसी लगी? कमेंट बॉक्स में लिखकर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें। जानकारी अच्छी लगी हो, तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, धन्यवाद। Google

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