Cardiologist Kaise Bane?

आजकल हार्ट डिजीज के केसेज बहुत ज्यादा बढ़ गये हैं क्योंकि लाइफ स्टाइल में इतने बदलाव हो गये है कि हार्ट अटैक और हार्ट से रिलेटेड डिसऑर्डर बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में हार्ट प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशन एक Cardiologist के पास ही मिलता है क्योंकि कार्डियोलॉजिस्ट हार्ट डिजीज और Heart Abnormalities के स्पेसलिस्ट होते हैं और कार्डियोलॉजी ‘मेडिसिन’ की ऐसी ब्रांच है, जो हार्ट डिजीज और डिसऑर्डर से डील करती है। ऐसे में अगर आप भी एक कार्डियोलॉजिस्ट बनने की चाहत रखते हैं, तो आपको इस आर्टिकल को जरूर पढ़ना चाहिए और उन लोगों के साथ शेयर भी करना चाहिए, जो कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको कार्डियोलॉजिस्ट बनने से जुड़ी सभी जरुरी जानकारियां देने वाले हैं। तो चलिए शुरू करते हैं।

#1. Cardiologist बनने का प्रोसेस क्या है?

कार्डियोलॉजिस्ट बनने के लिए आपको एक लॉन्ग प्रोसेस फॉलो करना होगा। यानि आपको मेडिकल स्टडीज में अपनी लाइफ के कई साल देने होंगे, तभी आप एक Cardiologist बनने बारे में सोच पाएंगे।

स्टेप: 1. PCB से 12th क्लास क्लियर करें,

सबसे पहले आपको 12th क्लास साइंस स्ट्रीम से क्लियर करनी होगी, जिसमे आपके सब्जेक्ट्स फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी यानि कि पीसीबी हों।

स्टेप: 2. MBBS का कोर्स करें,

12th के बाद आपको MBBS (Bachelor of Medicine, Bachelor of Surgery) की बैचलर डिग्री भी लेनी होगी। जिसके लिए आपको एंट्रेंस टेस्ट भी क्लियर करना होगा और कड़ी मेहनत भी करनी होगी। CET, AIMEE, AIPMT, NEET कुछ इम्पोर्टेन्ट एंट्रेंस टेस्ट हैं। MBBS Course की ड्यूरेशन 4 साल 6 महीने की होती है। इसके साथ एक साल की इंटर्नशिप भी होती है। यानी यह कोर्स 5 साल 6 महीने में पूरा होता है।

स्टेप: 3. MD की डिग्री प्राप्त करें,

MBBS करने के बाद आपको PG कोर्स में एडमिशन लेना होगा। यानी General Medicine में Doctor of Medicine (MD) की डिग्री लेनी होगी। यह डिग्री 3 साल की होती है। इस कोर्स में स्टूडेंट्स अपने पसंद के सब्जेक्ट में स्पेशलाइजेशन करते हैं। MD Course करने के लिए आपको एंट्रेंस टेस्ट देना होगा जैसे – All India Institute of Medical Sciences Entrance Exam (AMMIS), Delhi University Super Speciality Test (DUMET) और Institute of Human Behavior and Allied Sciences (IHBAS),

स्टेप: 4. DM कोर्स करें,

MD की डिग्री लेने के बाद आपको कार्डियोलॉजी में 3 साल का DM कोर्स भी करना होगा। यह एक सुपर स्पेशलिटी कोर्स होता है, जो आपको Cardiologist बनायेगा। DM का फुलफॉर्म Doctorate of Medicine होता है और यह कोर्स मेडिकल फील्ड का एक एडवांस प्रोग्राम होता है। MD और DM कोर्स में कई बार कन्फ्यूजन होता है। इसीलिए आप यह समझ लीजिए कि MD एक पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल डिग्री कोर्स है, जबकि DM यानी Doctorate of Medicine एक पोस्ट डॉक्टरोल कोर्स होता है, लेकिन इन दोनों ही कोर्सेज का ट्रेनिंग प्रोग्राम एक जैसा ही होता है। यानी MD कोर्स की तरह DM कोर्स में भी प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और एडवांस्ड डायग्नोस्टिक थ्रेपेटिक और लेबोरेटरी मैथेड में स्पेशलाइजेशन किया जाता है।

स्टेप: 5. मेडिकल लाइसेंस लें,

एक Cardiologist को स्टेट द्वारा जारी किया गया मेडिकल लाइसेंस भी लेना जरुरी होता है।

#2. Cardiologist बनने के लिए इस फील्ड से रिलेटेड कोर्सेज कौन-कौन से हैं?

कार्डियोलॉजिस्ट बनने की तैयारियों के दौरान आपको इस फील्ड के कुछ खास मेडिकल कोर्सेज के बारे में भी पता होना चाहिए। इसीलिए नीचे आपको ऐसे ही कुछ खास कोर्सेज के नाम भी बताते हैं।

  • Diploma in Cardio Vascular Technology
  • PG Diploma in Clinical Cardiologist Course (PGDCC)
  • B.Sc. in Cardiac Care Technology
  • Post Graduate Diploma in Community Cardiology
  • Master of Science in Cardiological Nursing
  • M.Ch in Cardiology
  • M.Ch Cardiovascular and Thoracic Surgery
  • Doctor of Medicine in Cardiology.

#3. Cardiologist बनने के लिए कोर्स कहाँ से किया जा सकता है?

नीचे हम आपको इंडिया के कुछ बेहतरीन कॉलेजेस के नाम बताते हैं, जहाँ से कार्डियोलॉजी में कोर्स किया जा सकता है।

  • All India Institute of Medical Sciences (AIIMS), Delhi
  • Mahatma Gandhi Medical College and Research Institute, Pondicherry
  • Armed Force Medical College (AFMC), Pune
  • Amrita Institute of Medical Sciences and Research Center, Kochi
  • Dayanand Medical College and Hospital (DMCH), Panjab
  • Jawahar Lal Institute of Postgraduate Medical Education and Research (JIPMER),
  • Puducherry,
  • Christian Medical College, Vellore (CMC Vellore)
  • Annamalai University, Tamil Nadu.

#4. कार्डियोलॉजिस्ट को हायर करने वाले रिक्रूटर्स के नाम क्या हैं?

नीचे हम आपको इंडिया के कुछ खास रिक्रूटर्स के नाम बता रहे हैं जोकि Cardiologist को हायर करने के लिए जाने जाते हैं।

  • AIIMS, New Delhi
  • Fortis Escort Heart Institute and Research Centre, New Delhi
  • Apollo Hospital, Chennai
  • B.M Birla Heart Research Centre, Kolkata
  • Narayana Hrudayalaya, Bangalore
  • Asian Heart Institute and Research Centre, Mumbai.

#5. कार्डियोलॉजिस्ट को मिलने वाले जॉब ऑप्शंस क्या-क्या हैं?

एक Cardiologist के रूप में अपॉइंट होने के लिए नीचे बताये गए इन जॉब ऑप्शंस में से आप अपनी पसंद का कोई भी जॉब ऑप्शन चुन सकते हैं।

  • Cardiology Surgeon
  • Cardiology Technologist
  • Interventional Cardiologist
  • ECG (electro-cardio graphic) Technologist
  • Cardiovascular Technologist
  • Assistant Cardiology Supervisor
  • Cardiac Catheterization Technologist
  • Electrocardiographic Technician
  • Nuclear Cardiologist.

#6. कार्डियोलॉजिस्ट में क्या-क्या स्किल्स होनी चाहिए?

Cardiologist होना एक बहुत ही जिम्मेदारी भरा प्रोफेशन हैं, जिसमे सिर्फ अर्निंग के बारे में नहीं सोचा जा सकता, बल्कि हर दिल के मरीज की प्रॉब्लम को दूर करने की पूरी कोशिश करनी होती है। ऐसे में एक Cardiologist को अपने फील्ड में पूरी नॉलेज होनी चाहिए और सर्जरी से जुड़ी सभी टेक्नोलॉजीज और डिवाइसेस की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा एक स्पेसलिस्ट में सेल्फ कॉन्फिडेंस होने के साथ-साथ स्ट्रांग कम्युनिकेशन स्किल्स का होना भी बहुत जरुरी होता है क्योंकि डीप नॉलेज के साथ अगर डॉक्टर मरीज से अच्छी तरह से बात करता है और उसे यकीन दिला पाता है कि वह बहुत ही जल्द ठीक हो जाएगा, तो मरीज को अपनी बीमारी छोटी लगने लगती है। इसीलिए गुड कम्युनिकेशन और इंटर पर्सनल स्किल्स एक डॉक्टर को अपने कलीग और पेशेंट के साथ एक अच्छा कनेक्शन बनाने में मददगार साबित होती है।

#7. कार्डियोलॉजिस्ट की सैलरी कितनी होती है?

जहाँ तक सैलरी की बात है, तो एक Cardiologist को एक फ्रेशर के तौर पर 1 से 1.5, लाख रूपये तक पर मंथ तक सैलरी मिलती है। यह कार्डियोलॉजिस्ट के एक्सपेरिएंस स्किल्स और उस ऑर्गनाइजेशन पर भी डिपेंड करता है, जहाँ से कार्डियोलॉजिस्ट जुड़ा है। साथ ही अनुभव बढ़ने के साथ-साथ यह अमाउंट तेजी से बढ़ भी सकता है क्योंकि एक अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट की जरुरत हर हॉस्पिटल को होती है और हर दिल के मरीज को भी।

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#8. निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों, अब आप जान चुके हैं कि Cardiologist कैसे बना जा सकता है? इसलिए अगर आप वाकई में कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं, तो 10th क्लास के बाद से ही एंट्रेंस टेस्ट की तैय्यारी शुरू कर दीजिये और हार्ड वर्क करने के लिए रेडी हो जाइये क्योंकि अगर अपने सपने को साकार करना है, तो पैशन के साथ हार्ड वर्क को तो मिलाना ही होगा। यह जानकारी आपको कैसी लगी? कमेंट बॉक्स में लिखकर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें, धन्यवाद। Google

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