हर खेल का अपना एक महत्त्व है। दुनिया में जितने भी खेल हैं, वो अपने देश और लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। लोगों की भी अपनी-अपनी पसंद होती हैं। किसी को क्रिकेट पसंद हैं, किसी को हॉकी और किसी को टेनिस पसंद है, तो किसी को फुटबॉल। जो लोग खेलों की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं, उनके पास कई तरह के ऑप्शंस होते हैं। जिनसे वो अपनी पसंद का खेल चुनते हैं। ऐसा ही एक खेल है Football और उसमे भी जो सबसे अहम् पोजीशन है, वो है Goalkeeper की। जिसे अक्सर Keeper या Goalkee के नाम से जाना जाता है।

Goalkeeper का पहला काम होता है, विरोधी टीम को स्कोर से रोकना। पेनाल्टी एरिया के अंदर Goalkeeper अपने हांथों का उपयोग कर सकते हैं। जिससे उन्हें गेम को सँभालने के लिए अनुमति दी जाती है।

Goalkeeper वैसे तो कई खेलों में होते हैं जैसे Bandy, Rink Bandy, Camogie, Association Football, Gaelic Football, International Rules Football, Floorball, Handball, Hurling, Field Hockey, Ice Hockey, Roller Hockey, Lacrosse, Ringette, Rinkball, Water Polo और Shinty. लेकिन, आज के इस आर्टिकल में हम Football के Goalkeeper की बात करेंगे और जानेंगे कि अगर आप एक Goalkeeper बनना चाहते हैं तो आपको क्या-क्या करना होगा और किन-किन बातों का ध्यान रखना होगा? तो चलिए शुरू करते हैं।

1. Goalkeeper क्या काम करता है और कौन-कौन से खेल में उसका क्या रोल होता है?

दोस्तों, खेल कई तरह के होते हैं, जिसमे Goal करके खेल खेला या जीता जाता है। ऐसे खेलों में Goalkeeper को रखा जाता है। इन्हें Goaltender भी कहा जाता है। जैसा कि हमने पहले बताया कि ये Goalkeeper ऐसा खिलाड़ी होता है जो विरोधी टीम के सीधे Goal करने वाले शॉट्स को रोकते हैं।

जयादातर खेलों में जिसमे नेट में गेंद को फेंककर स्कोरिंग की जाती है, उनमें Goalkeeper पर विशेष नियम लागु होते हैं जो बाकी खिलाड़ियों पर लागु नही होते। इन नियमों को अक्सर गोलकीपर की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लगाया जाता है क्योंकि ऐसे खेलों में सबसे ज्यादा चोट पहुँचने की संभावना गोलकीपर को ही होती है।

ऐसे नियम Ice Hockey और Lacrosse जैसे खेलों में सबसे ज्यादा लागू किये जाते हैं। जहाँ गोलकीपरों को अपने शरीर को बचाने के लिए कई तरह के इक्विपमेंट पहनने पड़ते हैं जैसे भारी पैड और एक फेस मास्क।

कुछ खेलों में Goalkeeper के पास बाकी खिलाड़ियों के जैसे ही अधिकार हो सकते हैं जैसे Football में Keeper को दूसरे खिलाड़ियों की तरह ही बॉल को किक करने की अनुमति होती है और वो अपने हांथों का उपयोग भी कर सकता है। अगर उसे बॉल को संभालने की जरुरत पड़े तो। बाकि कुछ खेलों में गोलकीपर को एक लिमिटेड एरियाज तक रहने की ही इजाजत होती है। उसके बहार जाकर वो वो बॉल को किक नही कर सकता।

2. Football में Goalkeeper के लिए बनाये गए नियम क्या हैं?

दोस्तों, इस खेल में Goalkeeper की ही एक ऐसी पोजीशन है जो बाकी प्लेयर्स से टेक्निकल तौर पर अगल होती है। इस खेल के नियम कई तरीकों से बाकी खिलाड़ियों से गोलकीपर को अलग करते हैं। एक गोलकीपर को कई सारी नियमों को फॉलो करना होता है और इसके साथ ही उन्हें कई तरह की छूट भी मिलती है।

1. पहली बार उन्हें बॉल को सँभालने के लिए कुछ खास छूट मिलती है, लेकिन ये छूट भी अपने पेनाल्टी एरिया के अंदर ही होती है।

2. जब एक Goalkeeper के हांथों में बॉल होती है तो दूसरी टीम उसे चैलेंज नही कर सकती। गोलकीपर के पास पेनाल्टी किट के खिलाफ चेंज करने का हक होता है।

3. गोलकीपरों को बाकी खिलाड़ियों से अलग रंग की ड्रेस पहननी पड़ती है और उन्हें टोपी और ट्रैक सूट भी पहनना पड़ता है क्योंकि फूटबाल में सबसे ज्यादा चोट लगने की संभावना गोलकीपर को ही होती है।

4. नियम ये कहते हैं कि टीम के 1 खिलाड़ी को हर समय गोलकीपर के रूप में मैदान में रहना चाहिए। जिसका मतलब ये है कि अगर एक गोलकीपर को वापस भेजा जाता है या एक Goalkeeper घायल हो जाता है तो उसकी जगह दूसरे Goalkeeper को रोल निभाना पड़ता है।

5. इस नियम के अनुसार टीम का कोई और प्लेयर गोलकीपर की जगह ले सकता है। अगर बाकी गोकीपर्स पोजीशन लेने की हालत में नहीं हैं तो, लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। ज्यातादर समय तक 1 गोलकीपर ही दूसरे की जगह लेता है।

6. नियम के अनुसार एक गोलकीपर को अपने पेनाल्टी एरिया को छोड़ने और बाकी खिलाड़ियों की तरह खेलने में कोई रिस्ट्रिक्शन नही है, लेकिन आमतौर गोलकीपर पूरे मैच में अपने पेनाल्टी एरिया के करीब ही रहता है, ताकि विरोधी टीम की गेंद को नेट में जाने से रोक सके।

 

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