Virtual Memory Kya Hai?

आपने टेक्निकल टर्म मेमोरी के बारे में काफी कुछ सुना होगा। ये अच्छी होनी चाहिए, तभी आपका सिस्टम या फिर कोई डिवाइस बेहतर तरीके से काम करती है। आजकल कंप्यूटर का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। ऐसे में कंप्यूटर में जो रेम और रोम मेमोरी होती है। इसके बारे में भी हमने आपको अपने पिछले वाले आर्टिकल में जानकारी दी थी। आप उसे भी पढ़ सकते हैं। ठीक इसी तरह इन दो मेमोरीज के अलावा एक और मेमोरी होती है जिसकी जरूरत कंप्यूटर में उतनी ही है, जितनी रेम और रोम की है। इसका नाम Virtual Memory है, जिसका जिक्र आस-पास होता रहता है। आप भी इससे परिचित होंगे।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको Virtual Memory क्या है?, इसका उपयोग क्या है?, इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं? इन सभी चीजों के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। इसलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें। तो चलिए शुरू करते हैं।

#1. Virtual Memory क्या है?

कंप्यूटर में मल्टीप्रोसेसिंग वर्क को करने के लिए उसमे रेम का होना बहुत जरूरी है। मल्टीप्रोसेसिंग का मतलब बहुत सारे प्रोग्राम्स या ऍप्लिकेशन्स को एक साथ ओपन करना जिसमे  वेब ब्राउज़र, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, फोटोशॉप और एक्सेल प्रोग्राम का इस्तेमाल शामिल है। किसी भी कंप्यूटर में विभिन्न ऍप्लिकेशन्स और प्रोग्राम्स को रन करने के लिए रेम ही उस काम को करती है। हम जितनी बार अलग-अलग एप्लीकेशंस अपने सिस्टम में खोलेंगे, उतनी बार रेम का स्पेस इन एप्लीकेशन को रन करने के लिए भरता जाता है।

कभी-कभार ऐसी सिचुएशन भी आ जाती है कि रेम का स्पेस इन एप्लीकेशन को रन करने से भर जाता है, जिससे कोई भी एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में रन नहीं हो पाता। अब ऐसी स्तिथि में कंप्यूटर, Virtual Memory का इस्तेमाल करता है। वर्चुअल मेमोरी कंप्यूटर की हार्ड डिस्क का स्पेस लेकर कंप्यूटर में रेम के अल्टरनेटिव टास्क को करने लिए ही किया जाता है। यानी वर्चुअल मेमोरी कंप्यूटर को एक अलग से रेम उपलब्ध करवाती है जोकि फिजिकल रेम से बिलकुल अलग होती है। अलग इसलिए होती है क्योंकि फिजिकल रेम कंप्यूटर सिस्टम में चिप के रूप में होती है जोकि एक हार्डवेयर है और Virtual Memory एक Software है।

#2. Virtual Memory कैसे काम करती है?

अगर सिस्टम में रेम का स्पेस कम है, तो कंप्यूटर में Virtual Memory का प्रयोग करके उस कमी को पूरा किया जा सकता है। हर कंप्यूटर सिस्टम में रेम का साइज लिमिटेड होता है। जब हम कंप्यूटर में एक से ज्यादा ऍप्लिकेशन्स या फाइल्स खोलते हैं, तो रेम का स्पेस भर जाता है। इसलिए सिस्टम की स्पीड स्लो हो जाती है। स्पीड स्लो होने पर वर्चुअल मेमोरी रेम के डेटा को हार्ड डिस्क के स्पेस में भेज देता है, जिससे रेम खाली होने लगती है और फिर से कंप्यूटर के टास्क को बेहतर तरीके से परफॉर्म करने लगती है।

जब कंप्यूटर में रेम का स्पेस फुल होने लगता है, तो कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम उन सभी ऍप्लिकेशन्स और फाइल्स की जांच करता है, जिन्हें हम अपने सिस्टम में ओपन रखते हैं। जो फाइल या एप्लीकेशन सिस्टम में मिनीमाइज हो कर रहती है। यानी जिस पर यूजर प्रेजेंट में काम नहीं कर रहा होता है, लेकिन वो नीचे खुली रहती है तो कंप्यूटर उन सभी फाइल्स को Virtual Memory में पेजिंग फाइल्स की हेल्प से रेम के डेटा को ट्रांसफर कर देता है। जब डेटा को Physical Memory से Virtual Memory में ट्रांसफर किया जाता है, तब ऑपरेटिंग सिस्टम उस एप्लीकेशन्स के प्रोग्राम्स को पेज फाइल्स में डिवाइड कर देता है और साथ में हर पेज फाइल्स के साथ एक फिक्स्ड नंबर का एड्रेस भी जोड़ देता है।

अब डेटा ट्रांसफर करने के लिए कंप्यूटर रेम के उन एरियाज की तरफ देखता है जो हाल ही में प्रयोग नहीं किए गए हैं। उन्हें हार्ड डिस्क की वर्चुअल मेमोरी में कॉपी कर देता है, जिससे हर पेज फाइल हार्ड डिस्क में जा कर इकट्ठा हो जाते हैं। इससे रेम का स्पेस खाली होने लगता है और जिस एप्लीकेशन पर यूजर प्रजेंट में काम कर रहा होता है, वो स्मूथली रन होने लगता है। उसके साथ नई ऍप्लिकेशन्स भी आसानी से डाउनलोड होने लगती है।

जब हम उन ऍप्लिकेशन्स को ओपन करते हैं, जिन्हे हमने मिनीमाइज करके रखा है और उस वक्त हार्डडिस्क की Virtual Memory में जो फाइल ट्रांसफर की गयी थी। उस फाइल के एड्रेस को ऑपरेटिंग सिस्टम दुबारा डिस्क से कॉपी करके रेम में भेज देता है, जिससे हम उस प्रोग्राम या एप्लीकेशन पर आसानी से काम कर पाते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम तब-तक फाइल्स को हार्ड डिस्क से रेम में लोड नहीं करता, जब-तक उनकी जरूरत न पड़े। इस प्रोसेस से कंप्यूटर में रेम के साइज को बढ़ाया जाता है, जिससे कंप्यूटर पर एक से ज्यादा प्रोग्राम्स को रन करते टाइम कम साइज रेम की प्रॉब्लम से छुटकारा पाया जा सकता है।

#3. वर्चुअल मेमोरी के फायदे क्या है?

Virtual Memory कंप्यूटर की फिजिकल मेमोरी नहीं है, बल्कि एक ऐसी तकनीक है जो एक बड़े प्रोग्राम को एक्सेक्यूट करने की परमीशन देती है जो पूरी तरह प्राइमरी मेमोरी यानि रेम में नहीं रखी जा सकती है। वर्चुअल मेमोरी, ऑपरेटिंग सिस्टम का ही एक भाग है जो रेम के कार्य को पूरा करने में मदद करता है। साथ ही वो सारी ऍप्लिकेशन्स, जिन्हे आप पहले एक्सेस नहीं कर पा रहे थे। अब उन्हें इस मेमोरी के द्वारा आसानी से एक्सेस कर पाएंगे। वर्चुअल मेमोरी को उस टाइम बनाया गया था, जब रेम बहुत ही महंगी और साइज में कम हुआ करती थी। रेम का साइज कम होने की वजह से कंप्यूटर की मेमोरी जल्दी फुल हो जाया करती थी, खास कर तब जब हम मल्टीप्ल प्रोग्राम को एक साथ रन करते थे।

1. वर्चुअल मेमोरी से हम अपने कंप्यूटर की रेम को लगभग दो गुना बढ़ा सकते हैं, जिससे कंप्यूटर की स्पीड बहुत फास्ट हो जाती है।

2. प्रोग्रामर्स एप्लीकेशन बनाने के लिए बड़े-बड़े प्रोग्राम्स लिख सकते हैं क्योंकि फिजिकल मेमोरी की तुलना में वर्चुअल मेमोरी बहुत बड़ी होती है। तो अब आप-अपने कंप्यूटर पर ज्यादा बड़े साइज वाले प्रोग्राम को आसानी से रन कर पाएंगे। इस रीजन से वर्चुअल मेमोरी उन लोगों के लिए सबसे अच्छी होती है जो अपने कंप्यूटर सिस्टम को अपग्रेड नहीं करना चाहते यानि नई और बड़े साइज वाली रेम खरीदना नहीं चाहते हैं, लेकिन कंप्यूटर पर फास्ट काम करना चाहते हैं। वैसे ये बात काफी अच्छी है।

3. सिस्टम में एक साथ एक से ज्यादा ऍप्लिकेशन्स को खोल कर बिना किसी रुकावट के वर्क किया जा सकता है।

#4. वर्चुअल मेमोरी के नुकसान क्या हैं?

Virtual Memory की एक खामी ये है कि हार्ड डिस्क में प्रोग्राम के अधिक पेज फाइल्स रखने से उन फाइल को एक्सेस करने का प्रोसेस काफी स्लो हो जाता है क्योंकि मेन मेमोरी रेम से डाटा एक्सेस करने की तुलना में हार्ड डिस्क से डाटा एक्सेस करने में ज्यादा टाइम लगता है। इसलिए मल्टीप्ल एप्लीकेशन्स को रन करने में ज्यादा टाइम लगता है।वर्चुअल मेमोरी मुख्य रूप से यूजर्स के लिए रेम की पावर को बढ़ाने की तकनीक है। वर्चुअल मेमोरी का उपयोग सभी बड़े ऑपरेटिंग सिस्टम में किया जा सकता है।

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#5. निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों, Virtual Memory क्या है और ये काम कैसे करती है और इसके फायदे क्या-क्या हैं? ये सभी जानकारियां अब आपने प्राप्त कर ली है। अलीबाबा को उम्मीद है कि ये जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपके लिए मददगार भी साबित होगी। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है कि हमारे द्वारा दिए गए विषय पर आपको पूरी जानकारी प्राप्त हो। ताकि आपको कहीं और जाना न पढ़े। इस आर्टिकल के बारे में आपकी क्या राय है? ये जानकारी आपको कैसी लगी? कमेंट सेक्शन में लिखकर अपनी राय का इजहार जरूर करें। जानकारी अच्छी लगी तो इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, शुक्रिया। Google

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