VPN Kya Hai?

क्या आप ऑनलाइन सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर चिंतित हैं? क्या आपको भी लगता है कि आपकी निजी जानकारियां हैकर्स के हाँथ लग जाएँगी और क्या आप भी अपने ईमेल, ऑनलाइन शॉपिंग और बिल पेमेंट्स को सिक्योर रखना चाहते हैं? अगर हाँ, तो अब ऐसा करना मुमकिन है क्योंकि ऑनलाइन प्रिवेसी को सिक्योर करने के लिए VPN (Virtual Private Network) उपलब्ध है, लेकिन ये VPN क्या है और ये कैसे आपकी मदद कर सकता है? ये जानने के लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा, जो आपकी बहुत मदद करेगा और आपको वीपीएन के बारे में डिटेल में सारी जानकारी भी मिल जाएगी। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें, तो चलिए शुरू करते हैं।

#1. VPN क्या होता है?

असुरक्षित वाईफाई नेटवर्क पर वेब सर्फिंग करना या फिर ट्रांज़ैक्शन करने का मतलब है कि अपनी पर्सनल इन्फॉर्मेशन औरब्राउज़िंग हैबिट्स को एक्सपोज़ कर देना। वैसे, सोचने में ही ये कितना खतरनाक लगता है? लेकिन VPN ‘पब्लिक नेटवर्क्स’ यूज करते टाइम आपको प्रोटेक्टेड नेटवर्क कनेक्शन प्रदान कराता है। ये आपके इंटरनेट ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट करता है और आपकी ऑनलाइन आइडेंटिटी को हाइड कर देता है। ऐसे में थर्ड पार्टी के लिए आपकी ऑनलाइन एक्टिविटीज को ट्रैक करना और आपका Data चुराना मुश्किल हो जायेगा।

वीपीएन आपके पीसी, स्मार्टफोन को सर्वर कंप्यूटर पर कनेक्ट करता है और आप उस कंप्यूटर के इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करके इंटरनेट पर ब्राउज कर सकते हैं। VPN लीगल होते हैं और इनका उपयोग पूरी दुनिया में इंडिविजुअल्स भी करते हैं और कम्पनीज भी करती हैं, ताकि अपने डेटा को हैकर्स से प्रोटेक्ट किया जा सके। इसका इस्तेमाल ऐसी कंट्रीज में भी किया जाता है, जहाँ पर हाइली रिस्ट्रिक्टेड गवर्नमेंट होती है। वीपीएन के बारे में इतना जान लेने के बाद तो समझ में आ ही गया होगा कि पब्लिक नेटवर्क पर अपनी ऑनलाइन सिक्योरिटी के लिए वीपीएन का यूज किया जा सकता है।

#2. VPN काम कैसे करता है?

जब आप एक सिक्योर वीपीएन सर्वर पर कनेक्ट होंगे, तो आपका इंटरनेट ट्रैफिक एक एन्क्रिप्टेड टनल से गुजरता है, जिसे कोई नहीं देख सकता। यानी न तो हैकर्स ना गवर्नमेंट और न ही आपका इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर। यानी आपके डेटा को रीड नही किया जा सकता। वीपीएन कैसे काम करता है? इसे समझने के लिए 2 सिचुएशन देखते हैं।

1. Without VPN

जब हम VPN के बिना वेबसाइट का एक्सेस लेते हैं, तो उस Internet service provider (ISP) के द्वारा साइट पर कनेक्ट कर पाते हैं। ISP हमे एक Unique IP Address देता है, लेकिन क्योंकि ISP ही हमारा पूरा ट्रैफिक डाइरेक्ट और हैंडल करता है। इसलिए वो उन वेबसाइट का पता लगा सकता है, जिन पर हम विजिट करते हैं। ऐसे में हमारी प्राइवेसी सिक्योर कहाँ हुई?

2. With VPN

जब हम वीपीएन के साथ इंटरनेट से कनेक्ट होते हैं, तो हमारी डिवाइस पर जो वीपीएन ऐप्प होता है। उसे VPN Client भी कहा जाता है और वो VPN Server से Secure Connection स्टेब्लिश करता है। हमारा ट्रैफिक अभी भी ISP के थ्रु पास होता है, लेकिन ISP इस ट्रैफिक की फाइनल डेस्टिनेशन नही देख पाता और जिन वेबसाइट पर हम विजिट करते हैं, वो हमारा Original IP Address नहीं देख पाती।

#3. हमे VPN की जरुरत क्यों पड़ती है?

VPN को सबसे पहले साल 1996 में माइक्रोसॉफ्ट ने डेवलप किया था, ताकि रिमोट एम्प्लाइज यानी कि ऐसे एम्प्लाइज जो उस ऑफिस में बैठकर वर्क्स नहीं करते, बल्कि उसके बहार रहते हुए कहीं से भी वर्क करते हों। वो एम्प्लाइज कंपनी के इंटरनेट नेटवर्क पर सिक्योर एक्सेस ले सकें, लेकिन जब ऐसा करने कंपनी की प्रोडक्टिविटी डबल हो गई, तो बाकी कम्पनीज भी वीपीएन को अडॉप्ट करने लगीं।

#4. हमे VPN का यूज कब करना चाहिए?

अगर प्राइवेसी आपके लिए बहुत इम्पोर्टेन्ट है, तो आपको हर बार इंटरनेट से कनेक्ट करते टाइम VPN का यूज करना ही चाहिए। कुछ सिचुएशन ऐसी होती हैं, जिनमे आपको वीपीएन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए जैसे कि ट्रैवेलिंग के दौरान, स्ट्रीमिंग के दौरान, पब्लिक वाईफाई का यूज करते टाइम, गेम खेलते टाइम और शॉपिंग करते वक्त।

#5. VPN कितने प्रकार के होते हैं?

आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि VPN के 2 बेसिक टाइप्स होते हैं, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।

1. Remote-Access VPN

इसके जरिये यूजर्स दूसरे नेटवर्क पर एक प्राइवेट एन्क्रिप्टेड तरंग के जरिये कनेक्ट हो पाते हैं। इसके जरिये कंपनी के इंटरनेट सर्वर या पब्लिक इंटरनेट से कनेक्ट हुआ जा सकता है।

2. Site to Site VPN

इसे Router to Router VPN भी कहा जाता है। इस टाइप का ज्यादातर यूज कॉरपोरेट एन्वायरन्मेंट में किया जाता है। खास कर जब एक एंटरप्राइज के कई डिफरेंट लोकेशंस पर हेड क्वाटर होते हैं। ऐसे में Site to Site VPN ऐसा क्लोज्ड इंटरनल नेटवर्क क्रिएट कर देता है, जहाँ पर सभी लोकेशंस एक साथ कनेक्ट हो सकें। इसे Intranet VPN कहा जाता है।

#6. वीपीएन से होने वाले फायदे और नुकसान क्या हैं?

वीपीएन से होने वाले फायदे को एक साथ देखें तो इसके इस्तेमाल से आपकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री, आईपी एड्रेस, लोकेशन, स्ट्रीमिंग लोकेशन, डिवाइस और वेब एक्टिविटी छुप जाती है, लेकिन फायदे के साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं जैसे कि Comparatively Slow Speed, No Cookies Protection और Not Total Privacy. इतना सिक्योर होने के बावजूद भी वीपीएन को कम्पलीट प्राइवेसी प्रोवाइडर नही कहा जा सकता क्योंकि ये ‘हैकर्स ‘गवर्नमेंट और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर’ से तो डेटा को हाईड कर सकता है, लेकिन खुद वीपीएन प्रोवाइडर चाहे, तो आपकी डिटेल्स देख सकता हैं। ऐसे में एक भरोसेमंद वीपीएन प्रोवाइडर से ही सर्विस लेना बेहतर होता है और एक सही वीपीएन प्रोवाइडर का पता आपको नीचे बताये गए पॉइंट्स के जरिये लग जायेगा।

  • वीपीएन एफ्फिसिएंट स्पीड ऑफर करे,
  • आपकी प्राइवेसी सिक्योर रहे,
  • प्रोवाइडर लेटेस्ट प्रोटोकॉल का यूज करे,
  • उसकी रेपुटेशन अच्छी हो,
  • उसकी डेटा लिमिट आपके रिक्वायरमेंट्स से मैच करती हो,
  • सर्वर की लोकेशन आपको पता हो,
  • आप मल्टीपल डिवाइस पर VPN एक्सेस ले सकते हों,
  • वीपीएन का कॉस्ट सूटेबल हो,
  • हाईएस्ट एन्क्रिप्शन अवेलेबल हो,
  • बेस्ट कस्टमर सपोर्ट प्रोवाइड किया जाय,
  • फ्री ट्रायल अवेलेबल हो और एड्स ब्लॉक करने की सुविधा हो।

#7. क्या वीपीएन को किसी भी डिवाइस से कनेक्ट किया जा सकता है या नहीं?

ऐसे सभी डिवाइस जो इंटरनेट से कनेक्ट हो सकते हैं, उनमे VPN का इस्तेमाल किया जा सकता है और ज्यादातर वीपीएन सर्विस प्रोवाइडर ‘मल्टीपल प्लेटफॉर्म्स’ पर ये सर्विस दिया करते हैं जैसे कि लैपटॉप, टेबलेट, स्मार्टफोन, वॉइस असिस्टेंस, स्मार्ट, स्मार्ट टीवी इत्यादि। बहुत से वीपीएन सर्विस प्रोवाइडर अपने वीपीएन का फ्री वर्जन भी प्रोवाइड कराते हैं, लेकिन इसकी लिमिटेशंस हो सकती हैं जैसे कि डेटा लिमिट, जबकि कुछ वीपीएन सर्विस प्रोवाइडर पेड वर्जन का फ्री ट्रायल प्रोवाइड कराते हैं। ऐसे में वीपीएन लेते समय बजट का देखा जाना जरुरी है, लेकिन इतना जरूर ध्यान रखें कि वो वीपीएन आपको प्राइवेसी प्रोवाइड कराता।

Express VPN, Tunnel Bear और Strong VPN कुछ ऐसी साइट्स हैं, जहाँ से अपने Windows PC, Mac, Android, iPhone और iPad के लिए VPN Client Download किया जा सकता है और फ्री ट्रायल्स लिए जा सकते हैं। आपको अंदाजे के लिए बता दें कि Express VPN का मंथली प्लान $12.95 का और एनुअल प्लान $8.32 पर मंथ का होता है।

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#8. निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों, VPN (Virtual Private Network) क्या है? इससे जुड़ी सभी महत्त्वपूर्ण जानकारियां अब आपको मिल गई हैं। यहाँ पर हम आपको एक सुझाव देना चाहते हैं कि वीपीएन जैसी सर्विसेज हमे ऑनलाइन सिक्योरिटी और प्राइवेसी देने के लिए है तो हम इसका उपयोग अपने भले के लिए कर सकते हैं, लेकिन किसी तरह के अवैध या अन्य टेक्नीकल काम में इसका फायदा लेना हमे नुक्सान भी पहुँचा सकता है। इसलिए सही दिशा में चलते रहिये क्योंकि मंजिल अभी बहुत दूर है, लेकिन खुशनसीबी समझिये कि सफर जारी है। Google

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