Graphic Designer Kaise Bane?

दोस्तों, आज का आर्टिकल उन लोगों के लिए बहुत खास है, जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद करियर बनाने के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन उन्हें ये नही समझ में आ रहा कि रोजगार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हजारों लोगों की भीड़ में किस फील्ड में जाना चाहिए? जिससे कि उनके लिए आसान और बेहतर साबित हो सके क्योंकि आजकल तो बेरोजगारी इतनी बढ़ गयी है कि नौकरी के हर क्षेत्र में आप जहाँ भी नजर घुमाएंगे आपको युवाओं की लम्बी कतार नजर आएगी। फिर चाहे वो संघर्ष सरकारी नौकरी के लिए हो या फिर प्राइवेट नौकरी के लिए। वैसे, इस समस्या का हल बता पाना तो मुश्किल है। लेकिन इस आर्टिकल में हम आपके लिए एक बेहतरीन करियर का विकल्प लेकर आयें हैं, जिसका नाम Graphic Designer है।

इस डिजिटल युग में Graphic Designer एक लोकप्रिय पेशा बनता जा रहा है क्योंकि वर्तमान समय में हर तरह की मार्केटिंग चाहे वो ऑनलाइन हो या ऑफलाइन हो सभी में ग्राफिक तकनिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। विजुअल और ग्राफिक्स के बढ़ते प्रभाव से इसका स्कोप भी बढ़ता जा रहा है। इसलिए आजकल लगभग हर कंपनी को ग्राफिक डिजाइनर की आवश्यकता होती है। ग्राफिक डिजाइनिंग एक ऐसा प्रोफेशन है जो किसी भी कंपनी या व्यक्ति की पहचान लोगों तक पहुँचाता है। अगर आप क्रिएटिविटी में रूचि रखते हैं और आपको कंप्यूटर की बेसिक स्किल्स पता है, तो ग्राफिक डिजाइनिंग का क्षेत्र आपके लिए एक अच्छा करियर हो सकता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको Graphic Designer कैसे बने? इससे जुड़ी सभी महत्त्वपूर्ण जानकारियां देने वाले हैं। इसीलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें। तो चलिए शुरू करते हैं।

#1. Graphic Design क्या है?

शब्द, चित्र, आकार और रंगों का उपयोग करके किसी तरह के सन्देश को व्यक्त करने की ये एक प्रक्रिया है। ग्राफिक डिजाइन को कम्युनिकेशन डिजाइन के रूप में भी जाना जा सकता है क्योंकि इसको उपयोग में में लाने का उद्देश्य लोगों तक अपनी बात या संदेश को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना होता है। ग्राफिक डिजाइन फिजिकल रूप में और वर्चुअल रूप में भी हो सकती है। कहने का मतलब ये है कि कुछ ग्राफिक डिजाइन ऐसे होते हैं, जिन्हें छुआ नहीं जा सकता जैसे हम अपने मोबाइल या कंप्यूटर की स्क्रीन पर अमेज़न और फिलिपकार्ट जैसी वेबसाइट के प्रोडक्ट का सेल वाल बैनर या इमेज देखते हैं। ऐसे डिजाइन को वर्चुअल ग्राफिक डिजाइन कहा जाता है। कुछ ग्राफिक डिजाइन ऐसे होते हैं, जिन्हें छुआ जा सकता है जैसे पोस्टर, बैनर, पुस्तिका, फ्लेक्स इत्यादि। इन्हें हम फिजिकल ग्राफिक डिजाइन कहते हैं।

ग्राफिक डिजाइन किसी भी उद्देश्य के लिए जैसे एजुकेशनल फंक्शन, सेरेमनी, कल्चरल और पोलिटिकल जैसी चीजों के लिए की जा सकती है। आमतौर पर ग्राफिक डिजाइन अपनी बात को लोगों के सामने रखने का एक आकर्षक एवं प्रभावी तरीका है जो वर्तमान में इंटरनेट और डिजिटल दुनिया में बेहद प्रचलित है।

#2. Graphic Designer का काम क्या है?

ग्राफिक डिजाइनर बहुत से माध्यम जैसे कि Advertisements, Magazines, Brochures, Presentations, Logos, Reports और Websites के जरिये अपनी स्किल से Texts और Pictures का इस्तेमाल करके ले आउट और प्रोडक्शन डिजाइन बनाते हैं। Graphic Designer अगर किसी क्लाइंट या कंपनी के प्रोडक्ट के लिए Graphic Design करता है तो उसका काम है अपने क्लाइंट की प्लानिंग की आवश्यकताओं को जानना और समझने के लिए उनसे बात-चीत करना और आईडियाज को समझने के बाद उनके अनुसार अपनी क्रिएटिविटी का उपयोग करके Image, Color और Fonts का इस्तेमाल करके बेहतरीन डिजाइन बनाकर ग्राहकों तक संदेश को पहुँचाना होता है।

ग्राफिक डिजाइनर अलग-अलग सॉफ्टवेयर टूल्स का उपयोग करके ग्राफिक्स बनाते हैं और उसे अपने क्लाइंट को भेजते हैं। उनसे फीडबैक और रिव्यू लेते हैं और डिजाइन में बताये गए जरुरी बदलाव करने के बाद ही अंतिम डिजाइन को पब्लिश करते हैं या तो क्लाइंट को दे देते हैं। किसी भी ग्राफिक डिजाइन को बनाने से पहले डिजाइनर को क्लाइंट द्वारा दिए गए डेटा को एनालाइज करना होता है। उस पर रिसर्च करना और पता लगाना होता है कि मार्केट में अभी क्या ट्रेंड चल रहा है? क्योंकि डिजाइनर ये बिलकुल नहीं चाहते कि उनके डिजाइन पुराने जमाने के लगें।

ग्राफिक डिजाइनिंग में डिजाइन बनाने के बाद उस पर विचार करना एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसलिए इसमें डिजाइनर को प्री-प्रोडक्शन, प्रोडक्शन और पोस्ट-प्रोडक्शन के विभिन्न चरणों में काम करना होता है और क्लाइंट की मांग के अनुसार बदलाव करने के लिए तैयार रहना होता है। ऑफिस में अन्य सहयोगी ग्राफिक डिजाइनर के साथ डिजाइन पर चर्चा करना और एक दूसरे से जानकारी साझा करना होता है, ताकि फाइनल डिजाइन एकदम परफेक्ट बनें।

Graphic Designer का काम अपने क्लाइंट के लिए ऐसे क्रिएटिव आईडिया तैयार करना होता है, जो उसके क्लाइंट के इंस्टिट्यूट को अलग पहचान दे सके। इस काम के लिए क्रिएटिविटी सबसे पहली जरुरत है। इसके अलावा इंडस्ट्री के ट्रेंड्स की पूरी जानकारी, ग्राफिक डिजाइन के क्षेत्र में नए-नए सॉफ्टवेयर की जानकारी और काम को समय पर पूरा करने की योग्यता। ये भी जरुरी होती है।

#3. Graphic Designer कैसे बने?

ग्राफिक डिजाइनर ये एक ऐसा जॉब है, जिसकी मदद से हम किसी क्रिएटिविटी को बहुत आकर्षक बनाकर लोगों के सामने अच्छी तरह से प्रस्तुत कर सकते हैं। आजकल ग्राफिक आर्ट्स और विज़ुअल का बहुत उपयोग हो रहा है। इसलिए ज्यादातर लोग ग्राफिक डिजाइन में ही करियर बनाना पसंद करते हैं।

ग्राफिक डिजाइनर का सबसे महत्त्वपूर्ण काम यही होता है कि किसी चीज को जैसे – वेबसाइट, लोगो, बैनर इत्यादि को सबसे अलग आकर्षक और रचनात्मक बनाकर उसे लोगों तक पहुँचायें। इसीलिए Graphic Designer बनने के लिए क्रिएटिविटी का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है। इसके अलावा डिजाइनिंग में इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग टूल्स जैसे कि टेबलेट, नोटबुक, डेस्कटॉप या लैपटॉप और सॉफ्टवेयर जैसे कि Adobe Illustrator, Adobe Photoshop, Corel DRAW आदि का भी इस्तेमाल करना आना चाहिए।

ग्राफिक डिजाइनर में अपना करियर बनाने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण आपको-अपनी शिक्षा पूरी करनी होती है और उससे भी महत्त्वपूर्ण ये है कि आपको-अपनी स्किल्स को विकसित करना होगा। ग्राफिक डिजाइनिंग के क्षेत्र में आज तमाम तरह के कोर्सेस मौजूद हैं, जिसमे फाउंडेशन कोर्स से लेकर 4 साल तक के डिग्री कोर्स उपलब्ध हैं।

योग्यता के रूप में स्टूडेंट को बारहवीं क्लास पास होना बेहद जरुरी है। आमतौर पर Graphic Designer बनने के लिए सर्टिफिकट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और डिग्री कोर्स उपलब्ध होते हैं। जो लोग ग्राफिक डिजाइनर बनना चाहते हैं, वो किसी भी अच्छे संसथान से यह कोर्स कर सकते और अपना भविष्य सुनहरा बना सकते हैं।

#4. ग्राफिक डिजाइन कोर्स की जानकारी,

ग्राफिक डिजाइनर का कोर्स करने के लिए सबसे पहले उम्मीदवार को किसी भी स्ट्रीम से बारहवीं की परीक्षा उत्तरीड़ अंकों से पास करनी होगी। उसके बाद आप बैचलर, मास्टर, डिप्लोमा सर्टिफिकट कोर्स कर सकते हैं। ग्राफिक डिजाइनिंग में बैचलर कोर्स 3 से 4 साल का होता है और मास्टर डिग्री कोर्स करने के लिए आपके पास उसी स्ट्रीम में बैचलर डिग्री होनी चहिये।

मास्टर डिग्री का कोर्स 2 साल का होता है। डिप्लोमा कोर्स को पूरा करने की समय सीमा 1 साल होती है और सर्टिफिकट कोर्स की समय सीमा 6 महीने से लेकर 1 साल तक की होती है। मास्टर और बैचलर डिग्री के कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है जोकि नेशनल या स्टेट लेबल का होता है।

बैचलर और मास्टर डिग्री के लिए जिस एंट्रेंस एग्जाम को क्लियर करना होता है, उसका नाम है National Institute of Design (NID). सिर्फ बैचलर डिग्री के लिए एडमिशन लेने के लिए Under Graduate Common Entrance Examination for Design (UCEED) और Symbiosis Entrance Exam for Design (SEED) का एग्जाम क्लियर करना होता है। मास्टर डिग्री के लिए Common Entrance Examination for Design (CEED) का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना होता है। इन सभी एग्जाम में मार्क्स के अनुसार ही अलग-अलग कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिलता है। इन डिग्री की पढ़ाई पूरी करने के लिए कौन-कौन से कोर्स कर सकते हैं?

Graphic Design Courses,

  • Bachelor in Fine Arts
  • Bachelor of Design in Graphic Design
  • Bachelor of Science in Graphic Design
  • Bachelor of Arts in Graphic Design
  • Master of Arts in Graphic Design
  • Master of Design in Graphic Design
  • Diploma in Graphic Design

आप यह सारे कोर्स किसी अच्छे इंस्टिट्यूट से कर सकते हैं।

#5. ग्राफ़िक डिज़ाइन का कोर्स कहाँ से करें?

हम यहाँ पर कुछ फेमस कॉलेजेस की लिस्ट आपसे शेयर कर रहे हैं, जहाँ से आप ग्राफिक डिजाइन का कोर्स का सकते हैं।

  • National Institute of Design, Ahmedabad Gujarat
  • Industrial Design Center, IIT Mumbai
  • Department of Design, IIT Guwahati
  • Symbiosis Institute of Design, Pune
  • Indian School of Innovation and Design, Mumbai
  • Academy of Animation Arts Technology, Hyderabad
  • Delhi College of Arts, Delhi
  • Sir JJ Institute of Applied Arts, Mumbai
  • Image Institute of Multimedia Arts and Graphic Effects, Tamil Nadu
  • National Institute of Computer Arts, Maharashtra.

#7. ग्राफ़िक डिज़ाइन में करियर की क्या संभावनाएं हैं?

Graphic Designer का स्कोप लगभग हर सेक्टर में हैं। कई ऐसे छोटे-बड़े संस्थान हैं, जो अपने प्रोडक्ट या कंपनी को प्रमोट करने के लिए विज़ुअल ब्रांड्स तैयार करवाते हैं। आप उन संस्थानों के साथ जुड़ कर आसानी से काम कर सकते हैं जैसे – मीडिया, पब्लिशिंग, रिटेल, सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रीज, न्यूज पेपर एजेंसी, एंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज, विज्ञापन कंपनी, टेलीविज़न एंड ब्रॉडकॉस्टिंग, प्रोडक्ट पैकेजिंग इंडस्ट्रीज, ब्रांड्स। इसके अलावा वेबसाइट डेवलपमेंट, वेब डेवलपर, मैगजीन, बुक्स, पोस्टर, बैनर, विडिओ गेम इंडस्ट्रीज, ऑनलाइन डिजाइन, एनीमेशन स्टूडियो आदि जैसी जगहों पर आप अच्छी सैलरी पैकेज के साथ काम कर सकते हैं, जो आपके करियर को एक नई ऊँचाई तक ले जायेगा। एक Graphic Designer के रूप में आप 3 तरीके से रोजगार पा सकते हैं और आप अपनी लाइफ को Successful बना सकते हैं।

पहला तरीका है जॉब्स, जिसमे एक ग्राफिक डिजाइनर ऊपर बताये गये सेक्टर में से किसी भी आर्गेनाईजेशन में 9 से 5 की जॉब कर सकते हैं।

दूसरा तरीका है फ्रीलांसर की तरह काम करना: इसमें ऑफिस जाने की समस्या नहीं होगी। आप घर बैठे क्लाइंट से बात करके उनके लिए डिजाइन तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक अच्छी पहचान बनाने की जरुरत होती है। जिससे लोग आपके काम के बारे में जान सकें और आप को प्रोजेक्ट प्रोवाइड कर सकें। वर्तमान में LOGO बनाने का काम, वेबसाइट डिजाइन करने का काम और पोस्टर बनाने के लिए डिजाइन बनाने जैसे लगभग सभी काम फ्रीलांसर के द्वारा ही किये जाते हैं।

तीसरा तरीका है बिजनेस, जिसमे आप-अपना एक ग्राफिक डिजाइनिंग का स्टूडियो शुरू कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए कुछ साल आपको ऑफिस में काम करके अनुभव लेने के बाद ही इस मार्ग पर जाना उचित रहेगा। इससे जॉब करने के दौरान ही आपके और दूसरी कंपनीज के साथ अच्छा नेटवर्क बन सकता है। जिसकी वजह से जब आप-अपना खुद का स्टूडियो खोलेंगे, तो आपको आसानी से क्लाइंट मिल सकते है और बिजनेस में नुक्सान होने का भी डर नहीं रहता।

#8. Graphic Designer की सैलरी कितनी होती है?

अगर ग्राफिक डिजाइन फील्ड में सैलरी की बात की जाये तो इसमें जॉब से लेकर फ्रीलांसिंग में अच्छे पैसे कमाये जा सकते हैं। शुरुआती दिनों में ट्रेनी ग्राफिक डिजाइनर को 10 से 15 हजार रुपये तक, जूनियर ग्राफिक डिजाइनर को 15 से 20 हजार रुपये, सीनियर ग्राफिक डिजाइनर को 20 से 25 हजार रुपये, आर्ट एडिटर को 30 से 35 हजार रुपये और डिजाइनर हेड को 60 से 70 हजार रुपये प्रति माह आसानी से मिल जाते हैं। अनुभव के साथ-साथ सैलरी भी बढ़ जाती है और एक एक्सपीरियन्स ग्राफिक डिजाइनर आराम से 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये प्रति माह तक कमा सकते हैं, जबकि फ्रीलांसर और बिजनेस करने वाले डिजाइनर को प्रति घंटे के हिसाब से पैसे मिलते हैं।

इसे भी पढ़ें:

फ्रीलांसर कैसे बने?

एनिमेटर कैसे बने?

VFX आर्टिस्ट कैसे बने?

फैशन डिजाइनर कैसे बने?

इंटीरियर डिजाइनर कैसे बने?

#9. निष्कर्ष (Conclusion)

आज के समय में ग्राफिक डिजाइनिंग एक ट्रेंडिंग फील्ड है, जिसमे रोजगार के अवसर बहुत हैं। भीड़ में अपनी पहचान बनाने के लिए उम्मीदवार को अपनी सोंच रचनात्मक और कल्पनाशील बनाने की जरुरत है। तभी आप एक बेहतर ग्राफिक डिजाइनर बन सकते हैं। तो दोस्तों, Graphic Designer Kaise Bane? इससे जुड़ी सभी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ अब आपको मिल गई हैं। यह जानकारी आपको कैसी लगी? कमेंट सेक्शन में लिखकर हमे जरूर बताएं। धन्यवाद। Google

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *